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अनुसंधान और विकास

बीएचईएल नव पवर्तन और सृजनात्मक प्रगति पर बहुत अधिक बल देता है, जिससे तकनीकी रूप से प्रतिस्पर्धी उत्पादों और सेवाओं का विकास होता है। कंपनी के अनुसंधान और विकास के प्रयास न केवल मौजूदा उत्पादों के निर्माण कार्य में सुधार लाने के लिए हैं,बल्कि विभिन्न व्यावसायिक क्षेत्रों की आवश्यकताओं के अनुरूप अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके नए उत्पादों और प्रणालियों का विकास भी कर रहे हैं। अनु.एवं विकास परियोजनाओं पर अपने वार्षिक कारोबार का लगभग 2.5% खर्च करने के साथ,बीएचईएल भारी उद्योग क्षेत्र,जिससे यह संबंधित है, में अनु.एवं विकास पर सबसे अधिक व्यय करने वाली संस्था है। इसके अलावा, बीएचईएल अपने वार्षिक कारोबार का लगभग 20% पिछले पांच वर्षों में घरेलू स्तर पर विकसित किए गए उत्पादों और सेवाओं से करता है।

कॉर्पोरेट आर एंड डी डिवीजन, हैदराबाद में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में अनुसंधान और उत्पाद विकास (आरपीडी) केंद्रों में अनुसंधान एवं विकास गतिविधियों में लगी बीएचईएल की अत्यधिक योग्य जनशक्ति इस प्रक्रिया का नेतृत्व कर रही है।

निर्धारित किए गए विशेष क्षेत्रों में अनुसंधान करने के लिए, बीएचईएल ने 14 उत्कृष्टता केंद्र स्थापित किए हैं। वर्तमान में कॉर्पोरेट आर एंड डी डिवीजन में उत्कृष्टता के दस केंद्र (सीओई) हैं, जो सिमुलेटर,कम्प्यूटेशनल लिक्विड डायनामिक्स (सीएफडी), स्थायी चुंबक मशीन (पीएमएम), सरफेस इंजीनियरिंग, इंटेलिजेंट मशीनें और रोबोटिस, मशीन डायनामिक्स, कंप्रेशर और पंप, नैनो टेक्नॉलॉजी, अल्ट्रा उच्च वोल्टेज (यूएचवी) और उन्नत संचरण प्रणाली जैसे इंजीनियरिंग विषयों में उन्नत आर एंड डी कर रहे है। दो सीओई,विद्युत इलेक्ट्रॉनिक्स,आईजीबीटी और नियंत्रक प्रौद्योगिकी के लिए और नियंत्रण और उपकरण (सी एण्ड आई)के लिए,इलेक्ट्रॉनिक्स डिवीजन,बेंगलुरु में स्थित हैं। तिरुचिरापल्ली इकाई में उन्नत फैब्रिकेशन टेक्नोलॉजी के लिए और कोयला रिसर्च सेंटर के लिए दो उत्कृष्टता केंद्रों की स्थापना की गई है।

इसके अतिरिक्त,बीएचईएल ने निर्धारित किए गए क्षेत्रों में आर एंड डी पर काम करने के लिए पांच विशिष्ट संस्थान भी स्थापित किए हैं। तिरुचिरापल्ली में वेल्डिंग रिसर्च इंस्टीट्यूट (डब्लूआरआई), बेंगलूरू में सिरेमिक क्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट (सीटीआई), भोपाल में इलेक्ट्रिक ट्रैक्शन सेंटर (सीईटी, हरिद्वार में प्रदूषण नियंत्रण अनुसंधान संस्थान (पीसीआरआई) और गुरुग्राम में अमोर्फस सिलिकॉन सौर सेल संयंत्र हैं।

बीएचईएल को प्रतिदिन एक से अधिक पेटेंट दाखिल करने का गौरव प्राप्त है, यदि 2016-17 के दौरान किए गए 508 फाइलिंग को रिकॉर्ड संख्या माना जाए । वर्तमान में कंपनी 3900 से अधिक आईपीआर संपत्तियों की गौरवशाली मालिक है, जो कंपनी के कारोबार में उत्पादक योगदान कर रहे हैं। कंपनी ने इस क्षेत्र में अपने उत्कृष्ट कार्य के लिए कई पुरस्कार और सम्मान प्राप्त किए हैं, जिनमें राष्ट्रीय आईपी पुरस्कार, डब्ल्यूआईपीओ इंटरनेशनल आईपी पुरस्कार भी शामिल हैं।

आर एण्ड डी और संबंधित गतिविधियों के लिए बीएचईएल द्वारा प्राप्त अन्य पुरस्कारों में इंडिया टुडे ग्रुप से नव प्रवर्तन और आर एण्ड डी के लिए सर्वश्रेष्ठ महारत्न पीएसयू पुरस्कार और सीआईआई-थॉम्पसन रॉयटर्स इनोवेशन अवॉर्ड शामिल हैं। हार्वर्ड बिजनेस स्कूल, ब्रिघम यंग विश्वविद्यालय और आईएनसीएडीएड के प्रोफेसरों द्वारा विकसित, "नवाचार प्रीमियम" की सूची के आधार पर दुनिया की सबसे प्रगतिशील कंपनियों को रैंक करने के लिए प्रसिद्ध अमेरिकी व्यापार पत्रिका "फोर्ब्स" द्वारा बीएचईएल को दुनिया की नौवीं "सबसे प्रगतिशील कंपनी" में स्थान दिया गया है।

पिछले पृष्ठ मे वापस जाएं | पृष्ठ अंतिम अद्यतन तिथि : 06-08-2020